हाईकोर्ट ने यूपी के इन जिलों में दारोगाओं को नौकरी से हटाने का आदेश किया रद्द, जानें वजह

Allahabad High Court
प्रयागराज। Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ, शाहजहांपुर, बरेली, फिरोजाबाद, गोरखपुर, अलीगढ़ व बलिया में तैनात कुछ दारोगाओं को राहत देते हुए उन्हें नौकरी से निकालने का आदेश रद कर दिया है। कोर्ट ने सभी दारोगाओं को परिणामी लाभ सहित सेवा में बहाली का निर्देश दिया है।
यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने गौरव कुमार, रोहित कुमार, सुधीर कुमार गुप्ता, निर्भय सिंह जादौन और ज्योति व अन्य दारोगाओं की याचिका पर दिया है। याचीगण की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम व अतिप्रिया का कहना था कि नौकरी से निकालने से पूर्व उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने न तो सेवा नियमावली का पालन किया था और न ही कोई विभागीय जांच की गई।
मुकदमे से जुड़े तथ्यों के अनुसार, उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने 9027 पुलिस उपनिरीक्षक पदों की भर्ती के लिए 24 फरवरी 2021 को विज्ञापन प्रकाशित कराया। चयन प्रक्रिया में आनलाइन लिखित परीक्षा, अभिलेखों की संवीक्षा, शारीरिक मानक व दक्षता परीक्षा और चिकित्सा परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य था।
याचीगण का चयन संपूर्ण प्रकिया में सफल होने के पश्चात फरवरी 2023 में हुआ था। उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति प्रदान की गई तथा मार्च 2023 में प्रशिक्षण के लिए भिजवाया गया। मार्च 2024 में पोस्टिंग दी गई। बोर्ड ने 27 अक्टूबर 2024 को इनका चयन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उन्होंने स्वयं लिखित परीक्षा नहीं दी, बल्कि उनके स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति ने दी थी।
आरोपों के संबंध में कोई विभागीय जांच पूरी नहीं
याचीगण के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि आदेश पारित करने से पूर्व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम 14(1) के प्रविधानों का पालन नहीं किया गया। आरोपों के संबंध में कोई विभागीय जांच पूरी नहीं की गई।
सुनवाई का अवसर तक नहीं प्रदान किया गया। कोर्ट ने रणविजय सिंह बनाम भारत सरकार व अन्य तथा विजय पाल सिंह व अन्य बनाम भारत सरकार व अन्य में डिवीजन बेंच द्वारा प्रतिपादित विधि सिद्धांतों का हवाला देते हुए भर्ती बोर्ड के आदेश को रद कर दिया। हालांकि विपक्षीगण को यह छूट दी है कि वे नए सिरे से नियम एवं कानून के तहत आदेश पारित कर सकते हैं।